बहते आंसू रोकूं कैसे यादों की चादर ओढ़ लेती हूँ। बहते आंसू रोकूं कैसे यादों की चादर ओढ़ लेती हूँ।
तुम खुश रहो अपनी दुनिया में अब तो बस यही है दुआ हमें तुमसे न कोई गिला, जो हुआ सो हुआ। तुम खुश रहो अपनी दुनिया में अब तो बस यही है दुआ हमें तुमसे न कोई गिला, जो हुआ...
मैने बारह दिन के लॉक डाउन स्टोरी मिरर पर हर एक दिन कविता लिखकर बिताया। मैने बारह दिन के लॉक डाउन स्टोरी मिरर पर हर एक दिन कविता लिखकर बिताया।
अपनी पागल लड़की को ढूंढने साहूकार आजकल हवेली के चक्कर लगाता है। अपनी पागल लड़की को ढूंढने साहूकार आजकल हवेली के चक्कर लगाता है।
समझ मे आया तो अच्छा असर कर जाता, नहीं तो सब उलटा पालटा हों ही जाता। समझ मे आया तो अच्छा असर कर जाता, नहीं तो सब उलटा पालटा हों ही जाता।
बस तेरी यादें ही तो है इस तन्हाई में जीने का सहारा। बस तेरी यादें ही तो है इस तन्हाई में जीने का सहारा।